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About The Book
Description
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समाज का उच्च समुदाय निम्न समुदाय से कार्य, जाति, परंपरा अथवा रूढ़ि के आधार पर छुआछूत का व्यवहार करता है तथा निम्न समुदाय को अस्पृश्य मानकर सार्वजनिक स्थलों में प्रवेश से वर्जित करता है, तो इसे ही सामान्य तौर अस्पृश्यता कहते हैं। भारत की वर्ण-व्यवस्था में जाति आधारित अस्पृश्यता की चलन रही है। हमारे संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर ने प्रस्तुत पुस्तक 'अस्प्रीस्यता' में इस सामाजिक बुराई के स्रोत का विस्तार से वर्णन किया है, इस पुस्तक को पढ़कर पाठक भलीभांति समझ पाएंगे की आखिर इस बुराई का जनक कौन है, एवं इससे मुक्ति का मार्ग क्या हो सकता है.