*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹330
₹350
5% OFF
Hardback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
हर शहर का अपना एक रंग और मिजाज होता है। शहर के आस्वादन के तरीके भी अलग-अलग होते हैं। प्रयाग (इलाहाबाद नहीं! लेखक ने इसे सायास प्रयाग कहा है) अपनी तमाम ऐतिहासिकता के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते नौजवानों के लिए एक ख्यातिप्राप्त शहर है। लेखक ने मुख्यतः शहर के इस चरित्र को ही किताब का प्रतिपाद्य बनाया है। यहाँ नौजवान प्रतियोगियों की एक भरी-पूरी दुनिया है जिसमें अध्ययन किताबें नोट्स के अतिरिक्त जीवन की वह तमाम जद्दोजहद है जो इस शहर की अंदरूनी लय में एकमएक हो जाती है। चूँकि यहाँ आनेवाले प्रतियोगियों में से अधिकांश हिंदी पट्टी के ग्रामीण क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं अतः नितांत मूलभूत कार्य-व्यवहार में उनके अनुभव दिलचस्प हो जाते हैं। यह वह दुनिया है जिसमें सफलता-असफलता के बराबर उदाहरण मौजूद मिलते हैं। यह वह दुनिया है जिसमें पूर्व से निवासरत कथित सीनियर अपने ज्ञान और अनुभव से आतंकित करता है जहाँ प्रेम भी आता है तो नितांत एकतरफा; जहाँ अंधकार में भटकता युवा ज्योतिष-सामुद्रिक-हस्तरेखा ज्ञान में भी समाधान ढूँढ़ता है; जहाँ भटकन भी है भोलापन भी और चालाकी भी। रयाल निस्संदेह तैयार लेखक हैं। संस्मरणात्मक शैली में उन्होंने घटनाओं से चरित्र व्यक्तित्व से विचार मनोविज्ञान से दर्शन सामाजिक व्यवहार से संस्कृति इतिहास से मिथक जैसे बहुत से आयामों में कुशलतापूर्वक आवाजाही की है।