*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹156
₹175
10% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
आज के भौतिकवादी व उपभोगतावादी युग में हम आत्मिक रूप से कमजोर पड़ते जा रहे हैं। इससे हमारा मनोबल गिर रहा है। मनोबल की कमी के कारण आज हम वह उपलब्धि प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं जिसके हम वास्तविक हकदार हैं। आज प्रत्येक व्यक्ति अपनी मानसिक कमजोरी को दूर करने के लिए जागरूक होकर प्रयास कर रहा है लेकिन उसको सफलता नहीं मिल रही। आजकल हर बच्चा कहता है कि सकारात्मक सोचें बाजार में सबसे अधिक पुस्तकें स्वयं-सुधार (सेल्फ इंप्रूवमेंट) की ही बिक रही हैं। लोग तनाव-प्रबंधन के लिए ट्रेनिंग कैंपों में भाग लेते हैं प्रवचन और लैक्चर सुनते हैं किंतु उन्हें वांछित लाभ नहीं मिल रहा है। प्रस्तुत पुस्तक में वर्णित अध्याय हमारे भीतर भाव एवं मनोविकार के मध्य चलनेवाले सकारात्मक विचारों पर केंद्रित हैं। प्रत्येक अध्याय एक-दूसरे से गुँथा है। अतः प्रयास यह किया गया है कि एक लय में रहकर मूल विचार से जुड़ा रहा जाए। स्वीकार भाव माफ करना या माफी माँगना स्वाभिमान होना क्रोध पर नियंत्रण शांति व खुशी इत्यादि वे अवधारणाएँ हैं जिनके सहारे हम नकारात्मक जीवन से दूर हो जाते हैं साथ ही सकारात्मक जीवन अपनाकर सफलता अर्जित करते हैं। यह पुस्तक विकार दूर करके सत्वृत्तियाँ उत्पन्न कर जीवन का उत्कर्ष करने का मार्ग दिखानेवाली अनुपमेय कृति है|