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About The Book
Description
Author
कोरोना महामारी इस सदी कि सबसे बड़ी त्रासदी रही है। इस महामारी के दौरान बहुत से लोगों ने अपनों को तड़पते और मरते देखा है। इतिहास गवाह है कि दुनिया में जब भी कोई भी महामारी या परेशानी विकराल रुप ले लेती है तो सारे इंसान एकजुट होकर अपनी इंसानियत ईमान और विज्ञान के भरोसे उसका मुकाबला करते हैं। लेकिन इस कोरोना महामारी के दौरान अरल ने इंसानों के साथ-साथ इंसानियत ईमान और विज्ञान को भी मरते हुए देखा है। किसी को मरता हुआ देख चाहते हुए भी कुछ ना कर पाने की असहाय और दयनीय स्थिति बहुत ही हृदय-विदारक होती है। “…और विज्ञान मर गया इसी हृदय-विदारक असहाय स्थिति का मार्मिक संकलन है।