Azadi Ke 75 Shourya Prasnag (आजादी के 75 शौर्य प्रसंग)

About The Book

एम.कॉम एम.ए. एल.एल.बी. पीएच.डी. बी.जे. राष्ट्रभाषा रत्न। कई व्यंग्य लेख संग्रह प्रकाशित। अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित व्यंग्य पत्रिकाओं में नियमित कॉलम चर्चित पत्रिका खनन भारती के पूर्व सम्पादक शोध लेख भी प्रकाशित।<br>भारत सरकार के दूरसंचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय दिल्ली एवं महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के पूर्व हिन्दी सलाहकार।<br>'आजादी के शौर्य प्रसंग' ब्रिटिश शासन की क्रूरता अत्याचार व अमानवीय यातनाओं के खुले दस्तावेज हैं। ब्रिटिश लेखकों व पत्रकारों ने स्वयं इन जघन्य अपराधों का गौरवपूर्ण बखान किया है। वे कहते हैं कि 'काले हिन्दुस्तानियों को जलाने में हमें अद्भुत आनन्द होता था।'<br>प्रस्तुत पुस्तक में इन्हीं वीरों के अनोखे बलिदानी प्रसंग हैं। इन्हें सदा स्मरण रखने की आवश्यकता है। नई पीढ़ी को बताना आवश्यक है कि आजादी बिना कवच-बिना ढाल नहीं मिली है। अंग्रेजों के आगमन से ही उनके विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह की एक अखण्ड परम्परा रही है। बंगाल के सैनिक विद्रोह संन्यासी विद्रोह संथाल विद्रोह आदि विद्रोहों की परिणति सन् सत्तावन के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में हुई।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE