Baahar Se Bheetar
shared
This Book is Out of Stock!

About The Book

यह किताब अकेले की गई यात्राओं को ठीक से समझने का प्रयास है। एकल यात्राएँ किसी के साथ की गई यात्राओं की ठीक विपरीत दिशा में जाती हैं। एकल यात्रा अमूमन आपको घनघोर उलझन और असहजता के ठीक मध्य में छोड़ देती है। सारा बिखरा पड़ा छोड़कर जब हम अकेले यात्रा पर सुख की तलाश में निकलते हैं तब ये पता ही नहीं होता की भागकर आख़िर हम अपनी ही निज में आ पहुँचेंगे। इस किताब का लिखा उसी निज के दायरे में दोबारा पहुँचकर उसे एक आख़री बार छू लेने का प्रयास है। वही सारा कुछ ठीक से समझ लेने का प्रयास है जो इस यात्रा के दौरान बीज की तरह भीतर बोया जा रहा था। यह किताब उन्हीं बीजों के सालों बाद पेड़ बन जाने का अनुभव जैसा कुछ है। उनकी छाँव में कुछ समय बिताकर आगे चल देने जैसा कुछ।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
149
199
25% OFF
Paperback
Out Of Stock
All inclusive*
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE