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About The Book
Description
Author
इस किताब में बारिश के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया है । बारिश सिर्फ आसमान से नहीं बरसती वो आँखों से भी होती है । और आसमानी बारिश के बीच आँखों की बारिश छिप सी जाती है । </br></br>
किताब से कुछ अंश : लॉकडाउन के दस दिन बीत चुके थे। मीता रोज अपनी मॉम को घर में पुकारती नहीं मिलने पर डैड से उन्हें लाने की जिद करती। आख़िरकार परेश को हॉस्पिटल आना ही पड़ा। उसने अपनी बाइक हॉस्पिटल की गेट से दस फीट की दुरी पर ही रोक दी। आकांक्षा जब गेट के पास आई तो मीता को देखकर उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसके आँख से झर-झर आंसू बहने लगे लेकिन वह पास नहीं जा सकती थी। वह अपने आँसू को अपने दुपट्टे के पीछे छुपाने की कोशिश कर रही थी लेकिन वो बेदर्द दुपट्टे को भी भिगो दे रहा था। माँ को देखते ही मीता उचक-उचक कर बाइक से नीचे उतरना चाह रही थी। वह जोर से मम्मा-मम्मा चिल्लाकर उनके गोद में सिमटना चाह रही थी ।