*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹156
₹175
10% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
भूतटाइप विषय उठाकर लेखक ने युथटाइप किताब लिख मारी है जिसमें जुमलों की कॉइल मवाली सी इस्टाइल भाषा की गुलेल नए विषयों का खेल खेला गया है I ये पढ़ने वाले के दिमाग में बवंडर दिल में थंडर उठाकर रहेगा I अमेरिका की हवस में पागल टेकीज़ के लिए चायनीज़ ज्ञान पटका है I चले तो चांद तक नहीं तो शाम तक। एच-1 वीजा की आग में जलते बंदों के जमीर का खमीर उठाया है। अंग्रेजी की टांग तोड़ते `डैशिंग` पीसों को लंगड़ा बनाया है। क्रांति करने को उतारू सज्जनों की कमीनता बताई है। हर बात पर `हां जी` कहते हराम... की हैवानियत दिखाई है। चपटी नाक से हिमेश रेशमिया के `लव भजन` फुंफकारने वालों को सच्ची आशिकी नहीं मिलने की हकीकत से रूबरू करवाया है। `तुझे देखा तो ये जाना सनम...` गाने से लड़की नहीं पलटती इस अध्यात्म से भी मिलवाया है। दिल में दो किलो दर्द हो तभी हो सकती है सेटिंग नहीं तो खाली एफ़बी पर चैटिंग से कुछ नहीं होता - जैसी हकीकत बया की है। खुल्ला लिख डाला है कि बोलने से कोई बाबा नहीं होता है उर्फ धमकी देने से कोई दादा नहीं होता। ऊंट जब पहाड़ के नीचे आता है तो सेल्फी नहीं ले पाता अर्थात् गांधी के पथ पर चलने से कोई महात्मा नहीं हो जाता। उन लोगों के दिमाग में झंझावात चलाया है जो टेंशन में लगे हैं। ऐसी ही `बेमतलब की बातों` से जिंदगी का सार निकाला है फिर लोगों से उम्मीद भी की है कि इनका सार पकड़कर ज्ञानी हो जाएं। दूसरों का भेजा खाएं। मच्छरों का माइकल जैक्सन बन जाएं। डांस करें और ड्रामा दिखाकर बड़े आदमी हो जाएं।