इस पुस्तक ‘बाबूजी’ मे..मै आपके समक्ष तीन लघु कहानिएं रख रही हूँ.- बाबूजी- फिल्मी शाम – संस्मरण - एक और आरम्भमेरी कहानी ‘बाबूजी’ और ‘एक और आरम्भ’ करीब 2022 साल पहले लिखी.बाबूजी एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिन्होंने सादगी भरी ज़िन्दगी जी फिर भी ज़िन्दगी ने उन्हें कई कठिन मोड़ पर ला के खड़ा कर दिया।आशा करती हूँ...मेरी लिखी कहानी बाबूजी आपको उनके जीवन के नज़दीक ला देगी।एक और आरंभ -आत्म सम्मान व अद्वितीय नारी शक्ति दर्शाती इस युग की सच्चाई ....कल्याणी की कहानी....!
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