साहित्य अकादेमी से पुरस्कृत मेरा बाल उपन्यास 'एक था ठुनठुनिया' इससे एकदम अलग मिजाज का है। जैसा कि मैंने पहले भी कहा 'गोलू भागा घर से' उपन्यास में दुख की स्याही कुछ अधिक फैल गई है। इस लिहाज से एक था ठुनठुनिया' मस्ती की धुन में लिखा गया बाल उपन्यास है।<br>अब बाल पाठकों को ही नहीं बाल साहित्य के अध्येताओं को भी ये ‘बच्चों के सात रोचक उपन्यास' पुस्तक में एक साथ उपलब्ध हो जाएँगे।
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