This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.हिन्दी के पाठकों का प्रेमचन्द की कहानियों के प्रति विशेष आकर्षण रहा है। वे कहानियां यदि लेखक की भी पसंदीदा हों और उन्हें आलोचकों ने भी सराहा हो तो कहना ही क्या! ऐसी ही चुनिंदा कहानियों को पाठकों के लिए इस पुस्तक में संगृहीत किया गया है। यथार्थ की सच्चाइयों से रू-ब-रू कराती इन कहानियों को पढ़ते हुए पाठक उनमें पूरी तरह खो जाता है। यही कहानीकार की सफलता का मूल मन्त्र है और यही प्रेमचन्द की विशेषता है।प्रेमचंद निस्संदेह हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कहानीकार थे जिनकी गणना विश्वस्तरीय साहित्यकारों में होती है। अपने जीवनकाल में उन्होंने 250 से अधिक कहानियाँ लिखीं जो मुख्यतः उस समय के समाज के यथार्थ को दर्शाती हैं। इनमें बालविवाह गरीबी भुखमरी ज़मींदारों के अत्याचार के खिलाफ एक जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास है। यथार्थ की इन सच्चाईयों से रू-ब-रू कराती कहानियों को पढ़ते हुए पाठक पूरी तरह से खो जाता है। ये कहानियाँ आज भी उतनी ही सामयिक हैं जितनी सौ साल पहले थीं। कहानियों के अतिरिक्त प्रेमचंद ने चैदह उपन्यास और अनगिनत निबंध लिखे। उन्होंने अन्य भाषाओं की कुछ पुस्तकों को भी हिन्दी में अनुदित किया।
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