बन्दूक और बीन युद्ध की लपटों में फंसे देशों और मनुष्यों के करूण जीवन पर डॉ. रांगेय राघव द्वारा लिखित मार्मिक उपन्यास है जिसमें पहली बार भारतीय सैनिक जीवन की पूरी गहराई से सचाई बयां की गई है। देशभक्ति संघर्ष और त्याग एवं बलिदान से परिपूर्ण यह उपन्यास हर किसी के लिए पठनीय ही नहीं अनुकरणीय भी है|About the Authorरांगेय राघव का मूल नाम तिरूमल्लै नंबाकम वीर राघव आचार्य था लेकिन उन्होंने अपना साहित्यिक नाम ‘रांगेय राघव’ रखा। इनका जन्म 17 जनवरी 1923 श्री रंगाचार्य के घर हुआ था। रांगेय राघव ने हिंदीतर भाषी होते हुए भी हिंदी साहित्य के विभिन्न धरातलों पर युगीन सत्य से उपजा महत्त्वपूर्ण साहित्य उपलब्ध कराया|
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