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About The Book
Description
Author
कवयित्री सरला अग्रवाल सरल जीवन की विविधताओं में पली उतार-चढ़ाव की कसौटी पर खरी उतर कर परिपक्व हुई । संवेदनशील होने के साथ-साथ कल्पनाओं के बादलों पर विचरण को शब्दों का लिबास पहनाना आरम्भ किया। गणित और संगीत में विशेष रुचि के साथ शिक्षा ग्रहण की और दोनों विषयों में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की । गणित में प्रवक्ता के पद पर दिल्ली के विद्यालय में कार्यरत रहीं । मध्यम वर्ग की यह दुविधा रही है कि उसके एक हाथ में कर्तव्यों का दायित्व और दूसरे हाथ में ख्वाहिशों की डोर होती है । अक्सर दायित्व निभाते हुए कब डोर छूट जाती है पता ही नहीं चलता । कुछ ऐसा ही इनके साथ भी हुआ । सफ़र में चिंतन पड़ाव आया सेवा निवृत्ति के बाद । एक बार फिर ख्वाहिशों की डोर पकड़ लेखनी हाथ में थामी । प्रकृति का सानिध्य सामाजिक उठा पटक खट्टे मीठे अनुभव लेखन की प्रेरणा बनीं । यह इनका पहला प्रयास काव्य संग्रह के रूप में प्रकाशित हुआ है । आपका स्नेह और आशीर्वाद इनका प्रोत्साहन बनेगा।