about the book यह ऐसे ही एक व्यक्ति की कहानी है जो ग्रामीण परिवेश से निकलकर नवोदय जैसे विद्यालय में पहुँचा । जहाँ उसे इस दुनिया के सबसे खूबसूरत रिश्ते दोस्ती का अनुभव हुआ । पर उसे लगता था दोस्ती से भी बढ़कर कोई रिश्ता होता है । वहाँ से उसे नए लक्ष्य मिले और उनका पीछा करता हुआ वो खुद की तलाश में आगे बढ़ता गया; उसे यह भी नहीं पता था वो सही है या गलत । बस कुछ अलग करना उसकी आदत थी जीवन की सरलता की खोज में वो खुद को खोज रहा था । शायद ऐसा कुछ जिसके लिए वो बना है या ऐसा कुछ जो उसके लिए हो । संभव है कि आप भी अपने आप को इस कहानी के किसी पात्र से जोड़ पाएँ । about the author मनीष भार्गव का जन्म मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की नरवर तहसील के ग्राम पंचायत सोनहर में मध्यमवर्गीय कृषि परिवार में हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय पनघटा (नरवर) जिला-शिवपुरी से हुई। इन्होंने जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से गणित व शिक्षाशास्त्र में स्नातक तथा इतिहास अर्थशास्त्र व कंप्यूटर से परास्नातक की उपाधि हासिल की। यह वर्तमान में शिक्षा विभाग दिल्ली सरकार में परामर्शदाता शिक्षक व गणित अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। इससे पूर्व इन्होंने मध्य प्रदेश शासन के अलग-अलग विभागों में 5 वर्ष से अधिक समय तक अपनी सेवाएँ दी हैं। यह रचना इनके जीवन के वास्तविक अनुभवों व काल्पनिक पक्ष को परिलक्षित करती हुई प्रथम औपन्यासिक कृति है। यह ‘वोकल’ एवं ‘बोलकर’ जैसे कई डिजिटल प्लेटफार्म पर एक प्रेरक वक्ता के रूप में लोगों को मार्गदर्शन करते हैं जहाँ इन्हें 4 करोड़ से ज्यादा बार सुना गया है।.
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