निसंदेह सहजता से हर एक दिन भिन्न-भिन्न भं जीते हुए महिलाएं किसी भी समाज का स्तम्भ हैं। हमारे आस-पास महिलाएं सहृदय बेटियां संवेदनशील माताएं सक्षम सहयोगी और अन्य कई भूमिकाओं को बड़ी कुशलता व सौम्यता से निभा रही हैं। शिक्षा जीवन में प्रगति करने का एक शक्तिशाली उपकरण है। महिलाओं के उत्थान व सशक्तिकरण के लिए शिक्षा से बेहतर तरीका क्या हो सकता है? अपनी विभिन्न पहलों के माध्यम से आर्ट ऑफ लिविंग ने बालिकाओं और महिलाओं को स्तरीय शिक्षा के माध्यम से ग्रामीण भारत के दूरस्थ कोनों में भी समान रूप से सशक्त किया है। कोई देश तरक्की के शिखर तक तब तक नहीं पहुंच सकता जब तक उसकी महिलाएं शिक्षित न हों। महात्मा गाँधी जी ने कहा था "एक पुरुष को शिक्षित करोगे तो एक व्यक्ति शिक्षित होगा लेकिन एक महिला को शिक्षित करोगे तो पूरा परिवार शिक्षित होगा।"वंदना वर्मा गृहलक्ष्मी की सम्पादक और टिंगालैंड (बच्चों का मनोरंजन केन्द्र) की संस्थापक हैं। वे प्रगतिशील विचारों वाली लेखिका हैं। लेखिका स्पर्श के द्वारा लड़कियों को पढ़ाने की ओर प्रेरित करने का अभियान पिछले 12 वर्षों से चला रही हैं। उनका मानना है कि बेटी को शिक्षित करने और आने वाली पीढ़ी में शिक्षा के अंकुर बोने से सामाजिक कुरीतियों को दूर किया जा सकता है। शिक्षित बालिका जो कल मां बनेगी अपने पारिवारिको शिक्षित भी करेगी। बेटी को शिक्षा रूपी धन जीवन में सफलता दिलाएगा। यह उनकी पहली कृति है। उनकी अगली कृति 'जल ही जीवन है' शीघ्र ही प्रकाशित होगी।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.