“बेवफा हो तुम” एक गजलों और शायरियों की किताब है। ये महज एक किताब नही टूटे हुए दिल की आवाज है जो की दुनिया में हर किसी का दर्द है । क्योंकि कोई ऐसा नहीं इस जहां में जिसने मोहब्बत ना की हो जिसका दिल न टूटा हो। इस सफर में लोग मिलते है और बिछड़ते भी है। कुछ की मोहब्बत मुकम्मल हो जाती है और कुछ की अधूरी रह जाती है। ये किताब तजुर्बों की है जो जिंदगी ने दिए और कुछ जिन्हे हम जिंदगी समझते थे उनके दिए है। अरमान सारे दफन कर गए। हमे घर से बेघर कर गए। साथ चलने का वादा करके “साहिल” रहे मोहब्बत में हमे तन्हा कर गए। समीर आर्या “साहिल” मेरा जन्म 1992 में आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव में हुआ था। मेरी शुरुवाती शिक्षा मेरे शहर आजमगढ़ में हुई है। हमारा परिवार खेती करता है और मैं ज्यादा पढ़ा लिख तो नही हूं मगर पढ़ने का शौक हमें रहा है मुझे । हालाकि मैं ज्यादा पढ़ नही पाया । और पढ़ाई बीच में छोड़ के मुंबई जाना पड़ा मुझे। मुझे बचपन से ही कविताएं शायरी दोहे आदि बहुत पसंद थे । में उन्हें बड़े शौक से पड़ता और सुनता था। इस किताब में दर्द भरी गजले बाते और गीत है आप सब जरूर जिंदगी में कभी न कभी इस मुकाम से गुजरे ही होंगे।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.