Bhagvad Geeta - Vigyan Khand


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE

Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Fast Delivery
Fast Delivery
Sustainably Printed
Sustainably Printed
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.

About The Book

श्रीमद भगवद गीता के तीन संस्करणों में से इस प्रथम संस्करण में हम भगवद गीता में सनातन धर्म के विज्ञान पर विचार करेंगे। यह प्रथम संस्करण भगवद गीता के अध्याय 13 से अध्याय 18 तक की व्याख्या करता है। प्रथम संस्करण में ही अध्याय 13 से 18 चुनने का कारण है प्रथमतः भगवद गीता द्वारा सनातन के विज्ञान पर दृष्टि डालना। अठारह अध्यायों वाली श्रीमद भगवद गीता छह छह अध्यायों के तीन खण्डों में समझी जा सकती है। प्रथम छह अध्याय दर्शन से ओत प्रोत हैं अगले छह अध्याय आध्यात्मिक मनोविज्ञान से और फिर अंत के छह अध्याय सृष्टि के विज्ञान और प्रकृति की व्याख्या करते हैं। हमारी बुद्धि पहले विज्ञान को ग्रहण करती है फिर मनोविज्ञान विकसित होता है और फिर दर्शन उत्पन्न होता है। इसलिए केवल रोचक रूप में समझने के लिए ही पहले विज्ञान खंड के रूप में प्रथम संस्करण प्रस्तुत किया जा रहा है।
downArrow

Details