*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹347
₹499
30% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
इस पुस्तक में भारत के श्रेष्ठ दार्शनिक और विचारक डॉ. सर्वेपल्लि राधाकृष्णन् ने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘भगवद्गीता’ के प्रत्येक श्लोक का अर्थ और व्याख्या इस प्रकार प्रस्तुत की है कि प्राचीन विवेक का नया रूप हमारी वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप प्रकट हो जाता है| About the Author आजाद भारत के पहले उप राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वेपल्लि राधाकृष्णन् श्रेष्ठ विचारक और दार्शनिक थे। वे एक प्रसिद्ध शिक्षक भी थे इसी कारण उनके जन्मदिन 5 सितंबर को हर वर्ष शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका मानना था कि शिक्षकों का स्थान सबसे ऊपर होना चाहिए क्योंकि देश के निर्माण में उनका योगदान सबसे अधिक होता है। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं जिनमें ‘भगवद्गीता’ प्रमुख है|