Bharat Ke 51 Yug Pravartak Vaigyanik

About The Book

स पुस्तक में जाने-माने साहित्यकार और विज्ञान-चिंतक प्रकाश मनु ने भारत के ऐसे ही युग-प्रवर्तक वैज्ञानिकों के जीवन और उनके महान योगदान के बारे में बताया है जिसे पढ़कर बाल और किशोर पाठकों को अपने देश की महान वैज्ञानिक परंपरा के बारे में पता चलेगा। साथ ही खुद उनके भीतर भी इस क्षेत्र में आगे आकर कुछ नया कर गुजरने का सपना और एक नया हौसला पैदा होगा। भारत धर्म और अध्यात्म की तरह ही गणित और विज्ञान में भी एक अव्वल देश रहा है और आज फिर सारी दुनिया के मानचित्र पर अपनी एक अलग पहचान अंकित कर रहा है। आईटी यानी सूचना प्रौद्योगिकी में तो उसका कोई जवाब ही नहीं है और आज इस क्षेत्र में भारत दुनिया में एक महाशष्ठित सरीखा बन गया है। प्राचीन काल में भारत के चरक सुश्रुत जीवक सरीखे चिकित्सक और नागार्जुन सरीखे अद्भुत कीमियागर जग-वि[यात थे और आर्यभट वराहमिहिर ब्रह्मगुप्त और भास्कराचार्य सरीखे विज्ञानियों ने विज्ञान के साथ-साथ गणित को लेकर जो आश्चर्यजनक खोजें कीं वे चकित करती हैं। इस दिशा में भारत के महान योगदान को आज सभी स्वीकार करते हैं। इसी तरह शून्य का आविष्कार भारत की ऐसी खोज है जिसने विज्ञान और गणित में आधुनिकतम खोजों के द्वार खोल दिए।
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