जब इंसान अपने शीर्ष पर होता है तब उसकी खूबियों की महक उसके कहीं पहुँचने से पहले ही वहाँ पहुँच जाती है। महात्मा गाँधी और मुहम्मद अली जिन्ना दोनों एक ही देश और एक ही इलाके के निवासी थे दोनों ने लंदन जाकर एक ही तरह की पढ़ाई की थी दोनों के राजनीतिक गुरु भी एक ही तरह के इंसान थे दोनों ने एक ही कालखंड में जन्म लिया था; किन्तु दोनों की सोच और समझ में इतना फर्क था कि जहाँ गाँधी ने भारत को दो टुकड़े होने से बचाने की हर संभव कोशिश की जिन्ना ने उसे तोड़ कर ही शांति पाई। संघर्ष करके इंसान अपनी महानता के उच्च शिखर पर पहुँचने के बावजूद कुछ ऐसी गलतियां कर जाता है जिसके परिणाम आने वाली पीढ़ियों को भुगतनी पड़ती हैं। इस पुस्तक में महात्मा गाँधी और मुहम्मद अली जिन्ना के संघर्ष उनकी खूबियाँ उनकी जलन प्रवृति और उनकी गलतियों को सरल भाषा में समझाने की कोशिश की गई है।
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