BHARAT ME FEMINISM (AURAT : SAMUCHI JANIM SAMUCHE AASMAN KE SAPNE AUR SANGHARSH BHAG : 2)
Hindi


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About The Book

औपनिवेशिक भारत में हिन्दू सुधारवादी और पुनर्जागरणवादी ‘सुसंस्कृत पौरुष’ औरत को अपनी महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप “अंदर महल” की “भद्र महिला” बना कर सत्ता की राजनीति में अपनी दावेदारी पेश कर रहा था। अन्दर महल की बन्द औरतों की विश्वदृष्टि पांचालियों काथाकातियों छाप कीर्तर्नियों जैसी प्राकृत रचनाधर्मियों की दुनिया से बिल्कुल अलग तरह के सामाजिक-राजनीतिक विमर्शों का विस्तार ले रही थी । पुराने लोक-प्राकृत सांस्कृतिक रूपों के बेबाक आक्रामक व्यंगात्मक लहजे से बिल्कुल उलट इस नयी वैयक्तिक और सामाजिक रचनाधर्मिता में एक औपचारिक मृदुल-शालीन संवेदनशीलता थी । “नई शिक्षा” का उद्देश्य भद्रलोक महिला को आधुनिक औपनिवेशिक शालीनता के तौर-तरीकों घर-परिवार चलाने के सद्गुणों से परिपूर्ण सहनशील शान्त चरित्रवान कर्तव्यनिष्ठ महिला के गुणों से दीक्षित करना था। इस अभियान में ‘सड़क की औरतों’ की अन्दर महल के अन्दर सोहबत से उनकी बोली तौर-तरीकों अभिव्यक्तियों में आये फूहड़पन अभद्रता और वाचालपन को जड़ से मिटा दिया जाना था।
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