रबदा रुज़बेह एन. भरूच मेरे साई.. मेरी श्वास बेस्टसेलिंग द फ़क़ीर श्रंखला के लेखक की ओर से आस्था उम्मीद ओर समर्पण ओर शिरडी के साई बाबा पर लिखी गयी पुस्तक भरुच उन लोगों मैं से हैं जो किसी एक धर्म या संप्रदाय मैं विश्वास नहीं रखते जिनके लिए आध्यात्मिकता उतनी ही सहज है जैसे किसी मनुष्य का श्वास लेना. वे ईश्वर को दयालु और मित्रवत रूप में देखते हैं- लाइफ पॉज़िटिव श्वास-श्वास में साई रबदा ने आत्महत्या का प्रयास किया और संभावना है कि वः जीवित नहीं बचेगा. शिरडी के साईं बाबा अस्पताल में रबदा के कक्ष में प्रवेश करते हैं और रबदा कि आत्मा को जागृत कर देते हैं. गुरु और संगीतकार दोनों मिलकर जीवन मृत्यु तथा इनके बीच की बातों पर चर्चा करते हैं. वर्तमान काल से रबदा अपने पाठकों को अतीत में ले जाता है जब साई अपने भौतिक शरीर में उपस्थित थे. प्रायः शिरडी के साईं बाबा के अपने ही शब्दों में उनके जीवन का दर्शन प्रकट होता है और कई स्थानों पर वे पूछे गए प्रश्नों व् आध्यात्मिकता के विषय में उत्तर देते हैं.एक शक्तिशाली एवं आध्यात्मिक रूप से समृद्ध पुस्तक रबदा एक ऐसी यात्रा है जिसे आप निश्चित रूप से करना चाहेंगे.'आध्यात्मिक लेखक रुज़बेह एन. भरूच अपनी पुस्तकों में कर्म दैवत्व मृत्यु के बाद जीवन तथा क्षमाभाव जैसे विषयों को उठाते हैं.- मिड डे
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