Bhav Suman

About The Book

आज जब देश आजादी का 75 वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है तो मैं देश के तमाम उन लोगों के चरणों में अपना श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूँजिनके कारण हम आजाद हुए और आज हम स्वाधीनता की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में मेरी सद्यः प्रकाशित कृति‘ भाव-‘सुमन’ आप के हाथ में देकर अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव करते हुए अपने मन के भाव व्यक्त कर रहा हूँ। इसी तरह जब आप सुधीजन भाव सुमन में संजोयी रचनाओं को पढ़कर प्रेमानुभूति के साथ आशीर्वाद देंगे तो मेरा सृजन कार्य अवश्य ही सफल कहा जायेगा और मेरा जीवन भी धन्य हो जाएगा। अपने जीवन की उपलब्धियों को मैं अपनी माता श्रीमती सत्यवती पिता श्री भगवान प्रसाद मिश्र मामा रुद्र शिव पत्नी श्रीमती गंगा जी दामाद तरुण शर्मा बेटी दिव्या पुत्र देवांग पुत्र वधु जीजा श्री राम इंद्र प्रेम भाई-भाभी भतीजों पिता तुल्य डॉoअशोक मिश्र जी एवं आप सभी मित्रों के साथ ईश्वर का धन्यवाद करता हूँ कि उन्होंने मुझे इस कार्य के लिए सतत प्रेरित किया।
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