Bhavan Bhaaskar

About The Book

अपनी बातें अपनों से --- वास्तु का अर्थ है - घर भवन व मकान जहां मानव सुख समृद्धि शांति और लाभ के साथ बसों बास करें। जहां मां महालक्ष्मी माता साथ श्री हरि विष्णु जी की कृपा बरसती रहें। वास्तु प्राचीन विज्ञान कला कृतियां साथ ही प्राचीनतम सभ्यता से राजा महाराजाओं के महलों में कलाकृतियां बिखेरते हुए सफलतापूर्वक संपन्न जीवन व्यतीत करते हुए हरक्षण कामयाबियों को उजागर किया है। वास्तु विज्ञान के ज्ञान मार्गदर्शन में बड़ी बड़ी अट्टालिकाओं का निर्माण हुआ वास्तु विज्ञान के कारण सही जन-मानस को सफलता की सीढ़ी पर सफलताएं मिली है। आज के वर्तमान परिवेश में सभी छोटे बड़े मकान घर भवन होटल मॉल सभी के सभी वास्तु विज्ञान के आधार पर ज्ञान का भरपूर आनंद लाभ प्राप्त कर प्रगति पथ पर अग्रसर है और सफल मुकाम पर पहुंच रहे हैं। वर्तमान में वास्तु विज्ञान का प्राचीनतम सभ्यता का प्रत्यक्ष प्रमाण है चारों धाम में श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर का रसोई शाला मंदिर के अग्नि कोण में स्थित होना! जिसे देखकर दर्शनार्थी भविष्य में अपनी योजना बनाते हैं की हमें भी अपने घर की रसोई घर (वास्तु) अग्निकोण South East में ही बनवानी है जो सुख समृद्धि और शांति लाभ का प्रतीक है।
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