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About The Book
Description
Author
हमारे समाज के हर वर्ग की वैधानिक आकांक्षाएँ हैं; लेकिन इन्हें पूरा कर पाने के लिए एक ऐसी समग्र सोच की जरूरत है जो राष्ट्र-हित को ध्यान में रखती हो। व्यक्तियों का और समाज का सद्भावपूर्ण विकास पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद का प्रमुख गुण है जिसे भाजपा अपना मार्गदर्शक दर्शन मानती है।भारत के वैकल्पिक आर्थिक मॉडल की पहली जरूरत के रूप में कृषि और ग्रामीण विकास की व्यवस्थित अनदेखी को बंद करना चाहिए। किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को कम लागत एवं आसान शर्तों पर पूँजी उपलब्ध करानी चाहिए।जल संसाधनों का प्रबंध कर पाने की हमारी अयोग्यता से सूखा और बाढ़ की स्थिति गंभीर हो रही है। दूसरी ओर पानी के फिर से इस्तेमाल कर पाने की योजनाओं की कमी के कारण हम औद्योगिक विकास और बिजली उत्पादन के अवसर खो रहे हैं। जल प्रबंधन के लिए आवश्यक है पानी के फिर से इस्तेमाल की नई विधियों की खोज।बिजली उत्पादन के विकल्पों की गंभीरता से खोज आवश्यक है ताकि बिजली संकट खत्म हो सके। ऐसी दीर्घकालीन योजना बनानी चाहिए जिसमें ऊर्जा वैकल्पिक स्रोतों को सही महत्त्व दिया जाए।जमीन से जुड़े वरिष्ठ राजनेता श्री नितिन गडकरी के चिंतनपरक विचारों का संकलन जिसमें विकसित भारत के स्वप्न को यथार्थ में बदलने का एक व्यावहारिक ब्यूप्रिंट है। ग्रामीण और शहरी में समान रूप से विकास का इंजन गतिशील हो प्राकृतिक संसाधनों का कुशल प्रबंधन हो हरित ऊर्जा का व्यापक प्रचार हो—इन सबका बहुत वस्तुपरक आकलन प्रस्तुत है ‘भविष्य का भारत’ में।