धीरे-धीरे तमस की त्वचा भी भांप बनकर उङने लगी थी थोङी देर के उपरांत कुछ बचा था तो सिर्फ उसका नर कंकाल तमस का अध्याय समाप्त हो चुका था न जाने कितनी सदियाँ वह जिया था वह और भी जीता पर उसने अपनी मौत को खुद निमंत्रण दिया था । वह दुनियां को कीङे मकौङे समझने लगा था आज वह देखो किस हालत मे पङा है। मैने उसके कंकाल को अपने हाथों मे उठाया और फिर उसे लेकर उस मकान से बाहर आ गया तमस का अंत हो गया था इसलिए मुझे इस बात का अहसास हो गया था की उसका बनाया यह पानी के भीतर का मकान तहस -नहस हो जायेगा । मै अपने तीव्रतम वेग से बाहर की ओर चल पङा मै जैसे सतह पर पहुंचा तो देखा बाहर सब मेरी प्रतीक्षा कर रहे थे मै जल्दी से तैरता हुआ उनकी ओर बढ़ा मेरे हाथ मे जब उन्होंने वह नर कंकाल देखा तो सब हैरत मे भर उठे । किनारे पहुंचते ही सबने मुझे बाहर खींच लिया कंकाल को बाहर निकाल कर तट पर रख दिया मैंने। सूर्यास्त को अब मुश्किल से दो घङी ही बची थी मैने गांव के मुखिया को तुरंत चिता तैयार करने को कहा । मै इन काली शक्तियों को भली प्रकार जानता था । इसलिए तमस के इस कंकाल का अंतिम संस्कार करना जरूरी हो गया था तुरंत गांव के लोग लकङिया लेकर तट पर आ गये फिर वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ तमस के उस कंकाल को अग्नि के हवाले कर दिया । सूर्यास्त से कुछ पल पहले उसे अग्नि के हवाले किया था कुछ देर तक मै वहाँ रहा फिर सबको लेकर गांव की ओर मुङ गया । गांव मे पहुंच कर मैने उन लोगों को बताया की वास्तव मे तमस का अंत उस दिन नही हुया था जिस दिन गुफा मे आग लगी थी उसका अंत आज हुआ अब आप लोग अपने जीवन को खुल कर जियो और खुशियां मनाओं।गांव वाले खुश हो गये मै जलराज और शेरबाज के साथ अपने निवास स्थान की ओर चल पङा। आधी घङी के भीतर मै वापस अपने निवास स्थान पर था अनीशा बाहर खङी मेरी प्रतीक्षा कर रही थी। मुझे देखकर बहुत खुश हुई तभी जलराज ने मुझसे कहा यदि आपको बुरा न लगे तो हम एक बात पूछना चाहते है ? क्यो नही पूछो मैने उन दोनो की ओर मुङकर मुस्कराते हुए बोला । आपने वादा किया था की तमस की मृत्यु के बाद आप हमें हमारे आकाश से मिलवा दोगे। उनकी बात से मै मुस्करा उठा जब वादा किया है तो फिर उसे मै निभाऊंगा । मैने उन दोनो को कहा लेकिन कब ? जलराज और शेरबाज व्याकुल होकर बोले । थोङा धीरज रख्खो मित्रो अभी थोङी देर मे आकाश से आप मिल लोगे। दोनो खुशी और मिलने की चाहत मे व्याकुल हो उठे रक्तवर्ण जी यदि आपने हमे आकाश से मिलवा दिया तो हम पूरी उम्र आपके उपकार को उतार नही पायेंगे । आज हमारे सिर से इस आफत को हटाने वाले वही है । सुनो जलराज आपके आकाश को हराना इतना सरल नही है मै रक्तवर्ण नही हूँ बल्कि मै आकाश ही हूँ कहकर मैने अपने रूप को परिवर्तित कर लिया बिल्कुल ऐसा बन गया जैसा मै अपने वास्तविक रूप मे था । मुझे आकाश बनते देखकर दोनो आश्चर्य और भावुकता से भर उठे और फिर दौङकर मुझसे लिपट गये । ओह! मेरे दोस्त आकाश तुम ही रक्त वर्ण बने हुए थे हम आपका कैसे शुक्रिया अदा करे बताओ। शुक्रिया की आवश्यकता नही है मेरे दोस्तो अब आप दोनों अपने उसी पुराने कार्य मे लग जाओ क्याथू के लोगों के विकास के कार्य मे । मै कल आपके राजा विरस्तू से मिलूंगा और फिर अपने गुलपनाग को लौट जाऊंगा। नही आकाश इतनी शीघ्र हम आपको वापस नही जाने देंगे क्याथू अब संकट से मुक्त हो गया इसलिए हम उत्सव मनायेंगे उस उत्सव मै हम आपको शामिल करेंगे। ठीक है अभी तो घर जाकर आराम करो और मै भी भोजन करके आराम करूंगा। वो दोनों अपने घर चले गये तो अनीशा दौङकर मुझसे गले मिली और बोली । आकाश तुमने यह दूसरी जीत दर्ज कर दी
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