Bhoj Sanhita : Kundali Khand (भोज संहिता : कुंडली खण्‍ड)

About The Book

सभी ग्रहों में सबसे खतरनाक ग्रह राह है। यह दैत्यराज असराधिपति है। प्रत्येक कार्य को बिगाड़ने का श्रेय राहु को है। यह भ्रम पैदा करने वाला काल-विभाजक सूर्य का मुख है। इसका रंग काला है। इसका कोई शरीर नहीं है। सूर्य-चंद्र ग्रहण राहु के कारण ही होते हैं यह इसका वैज्ञानिक पक्ष है। ग्रहण काल में पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव को राहु कहते हैं। यह राक्षस का सिर मात्र है। राहु शुभ और अशुभ दोनों फल देता है। बारह लग्न एवं बारह भावों में राहु की स्थिति को लेकर 144 प्रकार की जन्मकुंडलियां अकेले राहु को लेकर बनीं। इसमें राहु की अन्य ग्रहों के साथ युति को लेकर चर्चा की गई है। फलतः 144x9 ग्रहों का गुणा करने पर कुल 1296 प्रकार से राहु की स्थिति पर फलादेश की चर्चा की गई है। पूर्वाचार्यों के सप्रमाण मत और प्रतिकूल राहु को अनुकूल बनाने के लिए। वैदिक पौराणिक तांत्रिक लाल किताब व अन्य अनुभूत सरल टोटके रत्नोपचार व प्रार्थनाएं दी गई हैं जिससे तत्त्वग्राही प्रबुद्ध पाठकों के लिए यह पुस्तक अनमोल वरदान साबित होगी।
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