यह उपन्यास बंगाल में घटी एक अविस्मरणीय किन्तु सत्य घटना पर आधारित है। रोमांचक रोचक और मार्मिक तरीके से एक महिला जीवनगाथा का ताना-बाना इसमें बुना गया है जिसका पति कुमार मर जाता है लेकिन कालांतर में एक चर्चित संन्यासी को वह अपना पति मान बैठती है और दावा करती है कि संन्यासी ही उसका कुमार है उसका पति है? संन्यासी उसे छल रहा था या फिर वह संन्यासी में वासना देख रही थी...यह इस उपन्यास का रहस्य है?. About the Author रामकुमार भ्रमर प्रसिद्ध हिन्दी साहित्यकार फिल्म पटकथा लेखक और समाजसेवी थे। आपने दर्जनों मौलिक उपन्यास लिखे। दस्युओं पर आपने प्रामाणिक लेखन करके सबको चौंका दिया क्योंकि अपने लेखन के लिए कई बार आपको खूखार डाकुओं से भी रू-ब-रू होना पड़ा।.
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