इस कहानी में एक वृद्ध औरत तिरस्कार और अपमान का जीवन जीती है । भतीजे बुद्धिराम के तिलक के समय सारा घर मिठाई पूरी कचौरी की सुगंध से भर जाता है। काकी भूखी प्यासी उपेक्षित सी कोठरी में पड़ी रहती है वह कुछ खा नहीं पाती है। बुजुर्ग को आदर देना चाहिए यही इस कहानी की शिक्षा है| About the Author प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं। मूल नाम धनपत राय श्रीवास्तव प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है। वे एक संवेदनशील लेखक सचेत नागरिक कुशल वक्ता तथा सुधी (विद्वान) संपादक थे। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया|
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