प्रेम की पराकाष्ठा क्या होती है? वासना क्षणिक उन्माद के साथ समाप्त हो जाती है.... प्रेम जीवनपर्यंत रहता है। प्रेमी युगल जीवन के अंतिम क्षणों तक इंतजार करते रहते हैं। इस पुस्तक की कहानी में पढ़ें.....*पद की गरिमा का सम्मान करना सीखें।*उच्च संस्कार मेहनत की कमाई में ही समाहित हैं।*गरीबों की दुआएं सत्कर्म से ही मिलती हैं। गरीब की आह सार को भी भस्म कर देती है।*कभी-कभी ज्ञान दुख का कारण बन जाता है तो अज्ञान ढाल।*त्रिकालदर्शी संत का आशीर्वाद जन्म जन्मांतर तक फलीभूत होता रहता है जबकि दूसरा जन्म लेते ही संत की सभी शक्तियाँ विलुप्त हो जाती हैं।
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