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About The Book
Description
Author(s)
आर्थिक उदारीकरण के बाद के दौर के भारतीय शेयर बाज़ार का अनूठा इतिहास चतुर और चालाक लालचंद गुप्ता 1991 के बाद से शेयर बाज़ार के इस विस्तृत इतिहास में आपको दलाल स्ट्रीट की सैर पर ले जाते हैं। टेक्नोलॉजी कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त उछाल और कर-चोरी से लेकर बैंक धोखाधड़ी और काले धन को सफ़ेद बनाना घोटाले और बाज़ार का तेज़ी से गिरना और घोटालेबाज़ तथा निवेशक - लाला ने यह सब कुछ देखा है। इस विशेष पाँचवें वर्ष के संस्करण में आज तक हुए घटनाक्रमों को शामिल करते हुए बॉम्बे शेयर बाज़ार के ट्रेडिंग फ़्लोर में अभी हाल के समय तक हुए विकास के संबंध में भी बहुत ही सूक्ष्म टिप्पणियाँ की गई हैं और लाला के अनोखे अंदाज़ में चतुराई भरे निवेश के बारे में बताया गया है। देश की माली सेहत में थोड़ी-बहुत भी दिलचस्पी रखने वालों के साथ ही उन लोगों को भी इस पुस्तक को ज़रूर पढ़ना चाहिए जो उन सनसनीखेज़ घटनाओं के बारे में जानना चाहते हैं जिनके कारण शेयर बाज़ार का कामकाज आज अधिक साफ़-सुथरा और पारदर्शी हुआ है।