जब एक युवा कॉलेज जाने वाली कश्मीरी लड़की सहमत को अपने मरणासन्न पिता की आखिरी इच्छा का पता चलता है तो उसे अपने जुनून और देशभक्ति के आगे समर्पण कर कड़ी मेहतन से निर्धारित अपने मार्ग पर चलने के सिवाय कुछ नहीं सूझता। यह थी शुरुआत उसके एक साधारण लड़की से एक घातक जासूस में बदलने की। वह एक प्रसिद्ध पाकिस्तानी जनरल के बेटे से शादी करती है और नियमित रूप से गुप्त जानकारी भारतीय गुप्तचर एजेंसी को पहुंचाना उसका मिशन है। वह बहुत साहस और बहादुरी के साथ यह जोखिम भरा कार्य करती रहती है जब तक कि संयोग से उसे एक ऐसी सूचना नहीं मिलती जिससे उसके प्यारे देश की नौसैनिक क्षमता नष्ट हो सकती थी। वास्तविक घटनाओं से प्रेरित कॉलिंग सहमत ऐसा जासूसी थ्रिलर है जो इस अज्ञात युद्ध वीरांगना की कहानी बयान करता है| About the Author हरिंदर सिक्का आजकल पीरामल ग्रुप में ग्रुप डाइरेक्टर स्ट्रेटेजिक बिजनेस हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद वे भारतीय नौसेना में भर्ती हो गए। जनवरी 1981 में उन्हें कमीशन प्राप्त हुआ और 1993 में उन्होंने लेफ्टिनेंट कमांडर के पद से समयपूर्व अवकाश ले लिया। हाल ही में उन्होंने नानक शाह फकीर नामक फिल्म बनाई जिसे कांस टोरंटो और लॉस एंजिलिस के फिल्म समारोहों में सराहा गया। फिल्म को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले जिनमें राष्ट्रीय एकता पर सर्वोत्तम फीचर फिल्म के लिए नरगिस दत्त पुरस्कार शामिल था। कॉलिंग सहमत उनकी पहली पुस्तक है। इस पर मेघना गुलजार ने राज़ी नाम से फिल्म बनाई|
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