Chaar Purusharth

About The Book

पुरुषार्थ (संज्ञा) : मनुष्य का अंतिम उद्देश्य। हिंदू दर्शन में चार लक्ष्य हैं जिन्हें पाने का प्रयास सभी मनुष्य करते हैं : सद्गुण समृद्धि प्रेम और मुक्ति। ये चार पुरुषार्थ कहलाते हैं। जापानी अवधारणा इकिगाई पर अपनी पुस्तक के द्वारा दुनिया-भर के लोगों को दीर्घायु होने में सहायता करने के बाद दोनों लेखक अब भारत में खोजी गई संतुलित जीवन-शैली को सम्मानित करने का प्रयास कर रहें हैं। प्रेरणादायक और राहत देने वाली यह पुस्तक आपकी रचनात्मक क्षमता को जागृत करने तनाव और भय से खुद को मुक्त करने और अधिक ऊर्जा के साथ जीने में आपकी सहायता करने के लिए चार पुरुषार्थों के प्राचीन ज्ञान को प्रस्तुत करती है। स्वयं को एकरूप करने हेतु इन चार पुरुषार्थों का उपयोग करके आप प्रेरणा सौंदर्य शांति और अर्थ से भरे जीवन की कुंजी को प्राप्त कर सकते हैं।
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