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About The Book
Description
Author
मैं चाहता हूं कि आप ये संग्रह पढ़ें क्यूंकि समर के अंदर जो छटपटाहट है व्याकुलता है और पीड़ा को कविता बनाने की जो कला है वो आपके अन्तर्मन को ज़रूर छुएगी। -- मनोज मुन्तशिर