Chandra Ke Vividh Chehre


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE

Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Fast Delivery
Fast Delivery
Sustainably Printed
Sustainably Printed
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.

About The Book

रत्नगर्भा धरती झारखंड प्रांत के गिरिडीह जिले के स्वातंत्र्योत्तर सातवें दशक से दसवें दशक के कालखंड की पृष्ठभूमि पर आधारित अपने ढंग का एक अनूठा आंचलिक उपन्यास जो अतीत को वर्तमान से जोड़ता और उज्ज्वल भविष्य की ओर उन्मुख करता है। यह उपन्यास एक ऐसा उपवन है जहाँ नुकीले काँटे भी हैं और सुवासित सुमन भी। पुटुस सेमल और पलाश के पुष्प भी हैं तो चम्पा चमेली और रातरानी की खुशबू भी। यह प्रतिनिधित्व करता है समष्टिगत विश्लेषण करता है भ्रमण कराता है सम्पूर्ण उपवन का और साक्षात कराता है इसके विविध पुष्पों के जीवन का दर्शन का। सहज जन-जीवन की कुछ सुनी कुछ देखी कुछ झेली व्यथा की कथा का मनोवैज्ञानिक समाजशास्त्रीय और दार्शनिक विश्लेषण। साथ में इसके समानांतर चलती एक जीवन्त प्रेम कथा।.
downArrow

Details