‘चंद्रकांता’ उपन्यास की जबरदस्त सफलता के बाद पाठकों की अत्यंत माँग पर देवकीनंदन खत्री ने “चंद्रकांता संतति” को लिखा था। “चंद्रकांता संतति” में देवकीनंदन खत्री ने 6 उपन्यास लिखे हुए है और हर उपन्यास में 4 भाग है। हर एक भाग में कई सारे बयान मौजूद है। “चंद्रकांता संतति” में देवकीनंदन खत्री ने ‘चंद्रकांता’ उपन्यास में शुरू हुई लौकिक प्रेम कहानी को ही आगे बढ़ाया हुआ है। ‘चंद्रकांता संतति’ - भाग २ में चंद्रकांता और वीरेन्द्र सिंह के दोनों पुत्र इंद्रजीत सिंह और आनंद सिंह अपने अय्यारों के साथ मिलकर घटित हुई चुनौतियों के समक्ष अपना साहसपूर्ण प्रसंग प्रदर्शित करते है। इस भाग में कई सारे नए-नए किरदार की मौजूदगी सामने आती है। जैसे :- भूतनाथ राजा गोपाल कमलिनी आदि। यह भाग साहस चुनौतियों और नाटकीय अंदाज से भरा हुआ है।
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