Chandrakanta Santati- 4

About The Book

‘चंद्रकांता’ उपन्यास की जबरदस्त सफलता के बाद पाठकों की अत्यंत माँग पर देवकीनंदन खत्री ने “चंद्रकांता संतति” को लिखा था। “चंद्रकांता संतति” में देवकीनंदन खत्री ने 6 उपन्यास लिखे हुए है और हर उपन्यास में 4 भाग है। हर एक भाग में कई सारे बयान मौजूद है। “चंद्रकांता संतति” में देवकीनंदन खत्री ने ‘चंद्रकांता’ उपन्यास में शुरू हुई लौकिक प्रेम कहानी को ही आगे बढ़ाया हुआ है। ‘चंद्रकांता संतति’ - भाग ४ में एक जममनिया तिलिस्म का जिक्र किया। भूतनाथ नाम का पात्र कैद से आजाद हो जाता है और लामाघटि की ओर बढ़ जाता है और भूतनाथ गोपाल सिंह के पास जाकर को किशोरी कमलिनी लक्ष्मी देवी भगवानिया श्यामसुंदर सिंह और बलभ्रद सिंह का सारा हाल सुनकर रोहतगढ़ में घटित हर घटना को बताता है। लक्ष्मी देवी की मां को जहर देकर मार दिया जाता है और शादी के बाद अय्यारी से बहार कोठीमैबंद कर दिया जाता है जो कि अय्यारी जागता नमूना होता है।
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