‘‘उपन्यास की कथा और पात्रों का गुंफन पाठकों को बाँधे रखता है और यही पठनीयता इसकी सबसे बड़ी विशेषता है।’’- प्रो. रामबक्ष जाट साहित्य के गंभीर अध्येता और आलोचक‘‘दिल को मोह लेने वाला नए युग का नैरेटिव। यह तहज़ीबी ज़िन्दगी के मूल्यों से जहाँ हमें परिचित कराता है वहीं हमारे समय की भाषा और समाज में जारी तब्दीलियों को भी पेश करता है।’’- रहमान अब्बास साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत उर्दू उपन्यासकार‘‘इरा के गद्य में पद्य जैसा प्रवाह है जिसके चलते इस उपन्यास में इरा आपको पढ़ा नहीं रही हैं बल्कि ‘दिखा’ रही हैं। लगता है जैसे आप एक मंजे हुए निर्देशक की कोई फ़िल्म देख रहे हैं जो किसी साहित्यिक कृति पर आधारित है।’’- आलोक श्रीवास्तव प्रसिद्ध शायर और गीतकार‘स्त्री शक्ति पुरस्कार 2023’ ‘चंदबरदाई युवा रचनाकार पुरस्कार 2017’ ‘प्राउड डाटर आफ़ इंडिया 2017’ से सम्मानित इरा भाकुनी टाक लेखिका चित्रकार और फ़िल्मकार हैं। अभी तक इनके दो कहानी-संग्रह एक उपन्यास दो आडियो नावेल और तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। अपने चित्रों की वे दस एकल प्रदर्शनी कर चुकी हैं और फ़िल्ममेकर के रूप में वे पाँच शार्ट फ़िक्शन फ़िल्में बना चुकी है। वे बालीवुड में पटकथा लेखन व स्वतंत्र साहित्य लेखन करती हैं।
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