प्राचीन युग में चीन और मिस्र के लोग अंकों के रहस्य अर्थ से भली-भांति परिचित थे जिनका मानव जीवन के साथ गहरा सम्बन्ध था। भली प्रकार खोज करने पर हमें यह मानना पड़ता है कि उन्होंने सायण के सम्बन्ध में बहुत कुछ ज्ञान कर लियाथा। उन्होंने गणना द्वारा यह सिद्ध कर दिया था कि प्रत्येक प्रत्येक 25827 वर्ष के बाद सायण के स्थान ग्रहण की घटना घटित होती है जब दिन और रात बराबर होते हैं आज का विज्ञान वर्षों के परिश्रम के बाद इसे साकार रूप से सत्य प्रणाणित कर पाया है। प्रस्तुत है अंक-विज्ञान पर कीरो द्वारा लिखी गई एक अत्यन्तरोचक पुस्तक।
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