Chhayavad : Prasad Nirala Mahadevi Aur Pant

About The Book

छायावाद पुस्तक में जहाँ छायावाद की समूहगत सामान्य प्रवृत्तियों के विश्लेषण का विशेष आग्रह था वहीं प्रस्तुत पुस्तक में प्रसाद निराला महादेवी और पन्त के वैशिष्ट्रय और नवीन पक्षों पर विशेष दृष्टि डाली गई है । सौन्दर्य के समान महान सृजक भी विशिष्ट होते हैं । हिन्दी साहित्य ग्लैक्सी की विभूतियाँ हैं-प्रसाद निराला महादेवी और पन्त| इन विभूतियों की अपनी अलग विशिष्ट पहचान है । इनका व्यक्तित्व भाव तेवर भाषा और अंदाज अलग-अलग और विशिष्ट है । इस पुस्तक में समानता के सामानांतर इन अपरिहार्य हस्ताक्षरों की विशिष्टताओं को क्रेन्दीयता मिली है । इसमें प्रसाद निराला महादेवी और पन्त की साहित्यिकता की मौलिक एवं नूतन अर्थ-मीमांसा के साथ- साथ नवीन कैनन का भी आग्रह है । छायावाद के बाद से लेकर आज तक की कविताओं की उपलब्धियों सीमाओँ चुनौतियों और सम्भावनाओं के वृहत्तर दायरे में यह छायावादी रचनाशीलता के पुनर्मूल्यांकन की एक अनुप्रेक्षणीय समीक्षा- यात्रा है ।
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