कई अखबारों में काम करने के बाद इस उपन्यास के नायक ने साहित्यिक संस्था तेरी मेरी संस्था बनाई पर उसे मिला क्या? और जिस मकसद को लेकर खून पसीना बहाकर यह संस्था बनाई उसका क्या हश्र हुआ? आखिर चेतन ने एक लड़की को शिमला जाकर ट्यूशन पढ़ाने की बात क्यों स्वीकारी? हिन्दी साहित्य के अग्रणी लेखक उपेंद्रनाथ अश्क का यह उपन्यास समाज पर करारा कटाक्ष करता है।.