Chitradeep

About The Book

वेदान्त के प्रकरण ग्रन्थों में विदयारण्य स्वामी द्वारा ग्रथित पंचदशी यह सर्व विद्वत मान्य ग्रंथ है। इसमें पहले पाँच अध्यायों में तत्व का विवेक प्रस्तुत किया गया है जिसको 'विवेक पंचकम' में प्रकाशित किया गया है। दूसरे पाँच अध्याय अर्थात 6-10 तक सच्चिदानंद के इस शब्द के चित्त पर विवेचन हुआ है। छंटवा अध्याय "चित्रदीप" नाम से प्रसिद्ध है। इस अध्याय में साधक को अद्वैत की दृष्टि प्रदान की गयी है। इस जगत चित्र का आधार परब्रह्म परमात्मा मानो इस चित्र के द्वारा ढका हुआ सा लगता है। इसको पहचानने के लिए जो सूक्ष्म दृष्टि आवश्यक है वह इस ग्रंथ में प्रकाशित की गयी है।
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