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About The Book
Description
Author
चित्रालेखा न केवल भगवतीचरण वर्मा को एक उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठा दिलानेवाला पहला उपन्यास है बल्कि हिंदी के उन विरले उपन्यासों में भी गणनीय है जिनकी लोकप्रियता बराबर काल की सीमा को लाँघती रही है। चित्रालेखा की कथा पाप और पुण्य की समस्या पर आधारित है। पाप क्या है ? उसका निवास कहाँ है ? -इन प्रश्नों का उत्तर खोजने के लिए महाप्रभु रत्नांबर के दो शिष्य श्वेतांक और विशालदेव क्रमशः सामंत बीजगुप्त और योगी कुमारगिरि की शरण में जाते हैं। इनके साथ रहते हुए श्वेतांक और विशालदेव नितांत भिन्न जीवनानुभवो