* रीवा मध्यप्रदेश के कवि सुरेश सिंह की कविताएं पढ़ने से ताजगी का एहसास होता है। -गणेश गनी कुल्लू * सुरेश सिंह गहन कविताओं का सृजनात्मक आख्यान प्रस्तुत करते रहे हैं। फेसबुक पर लगातार पढ़ता रहा हूं। सुरेश सिंह रचना के माध्यम से जीवन और जगत के सम्बंधों को मजबूत करने में सफल रहे हैं। समकालीन कविता में इनका अंशदान है। -अरुण शीतांश आरा * सुरेश सिंह की कविताओं से गुजरते हुए एक सहृदय पाठक को बार-बार यह महसूस होता है कि वे सामान्य मनुष्य की अपराजय जिजीविषा के कवि हैं जिसे उन्होंने गांव में किसानी करते हुए सतत संघर्षों से प्राप्त किया है। -चंद्रेश्वर लखनऊ * सुरेश सिंह की कविता एक सम्पूर्ण जागरण गीत है। उनका काव्य संसार में रोशनी का वैभव बाहें फैला रहा है और विचारों के बीज अंकुरण की आस्था से भरे हुए हैं। -अजीत कुमार राय कन्नौज * सुरेश सिंह की कविताएं---बहुत सहज और अभिव्यक्ति की दृष्टि से पारदर्शी हैं। ---आपकी कविताओं में सामाजिक सरोकार और बुनियाद में उम्मीद की दृष्टि बहुत प्रभावित करती है। -दिविक रमेश नोयडा * सुरेश सिंह जमीन से जुड़े हुए आम आदमी के दिल की बात को प्रस्तुत करने वाले एक मुखर कवि हैं। जिन्हें बेहद खरी खरी बात कहने हेतु जाना जाता है। ---सच को बगैर लागलपेट के सच कह देना मानो उनकी विशिष्ठ शैली हो। वे अपनी रचनाओं में वह कह जाते हैं जिसे साहित्य जगत में नामचीन मूर्धन्य साहित्यकार कहने से बचते हैं। अतुल्य खरे उज्जैन
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