स्वयं अपना भाग्य गढ़ने वाले धीरुभाई अंबानी मुंह में चांदी का चम्मच लेकर नहीं जन्में थे। लेकिन आज वे हमारे देश के सबसे बड़े उद्यमी माने जाते हैं। आज भारतीय औद्योगिक इतिहास को एक नई दिशा देने का श्रेय धीरुभाई अंबानी को जाता है। जिन्होंने औद्योगिक साम्राज्य को वास्तव में वैश्विक रूप दिया। भारतीय शेयर बाजार में समसंयोजक संस्कृति को एक नया रूप देने वाले धीरुभाई ने करोड़ों लोगों को खुदरा निवेश बाजार की ओर नजर दौड़ाने के लिए मजबूर किया। वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने निवेश बाजार में एक नई क्रांति ला दी। उन पर विश्वास करके उनकी कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों ने करोड़ों रूपए बनाए। भारतीय कैपिटल मार्केट में उनकी सहायता से समसंयोजकता का भाव रखने वाला बड़ा समूह बन गया।धीरुभाई हारने से नफरत करते थे। उनकी रंक से राजा बनने की कहानी कई युवा उद्यमियों को रोमांचित करने के साथ-साथ प्रेरणा देती है। एक महान उद्यमी के अलावा उनका एक असाधारण व्यक्तित्व भी था। जिसके कारण करोड़ों भारतीयों के इस नायक ने रिलायन्स के रूप में वह उद्यम खड़ा किया जिस पर आज पूरी दुनिया विश्वास रखती है।बड़ा सोचो तेज सोचो आगे बढ़ने का सोचो।आइडिया पर किसी एक का अधिकार नहीं होता- धीरुभाई अंबानी
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