DALIT RAJNITI : KUCHH VICHAR

About The Book

मेरी मान्यता है कि दलित चिन्तन एक दर्शन भी है। जो हमें वह दृष्टि देता है कि हम समकालीन घटनाक्रम को दलित हित के दृष्टिकोण से देखें और जानने का प्रयास करें कि भविष्य में अमुख घटना का दलित जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा और यदि वह प्रभाव प्रतिकूल है तो उससे बचने का रास्ता क्या है। हमारी दृष्टि जितनी पारदर्शी तथा दूरदर्शी होगी हमारा लेखन उतना ही सार्थक तथा प्रभावी होगा। मेरे इन लेखों में मेरी यह दृष्टि स्पष्ट परिलक्षित होती है। चाहे वह भारतीय समाज में अंतर्जातीय विवाहों की बढ़ती संख्या हो मुक्त अर्थव्यवस्था हो अथवा दलित उत्पीड़़न की घटनाएँ हों चाहे धर्म में घटती व्यक्ति की आस्था हो। मैंने सब पर एकमात्रा इसी दृष्टिकोण से विचार किया है। कहाँ तक सफल हो पाया हूँ यह तो आप ही बता पाएँगे।इसके अतिरिक्त इन लेखों की संरचना में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जिन भी विद्वानों से सहयोग मिला है उन सबको धन्यवाद देते हुए मुझे आप सब की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी। -डॉ. एन. सिंह
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