‘दामोदर दत्त दीक्षित की लोकप्रिय कहानियाँ’ आज के भारतीय उप-महाद्वीप की प्रामाणिक तसवीर प्रस्तुत करती है। कहानियों से गुजरते हुए अनुभव होता है कि लेखक दबे-कुचले वर्ग वंचितों और शोषितों की व्यथा-कथा से संवेदनात्मक स्तर पर गहराई से जुड़ा है। ग्रामीण और नगरीय जीवन के यथार्थ का साक्षात्कार कराती इन कहानियों में जन सामान्य की विषमताओं विसंगतियों विरूपताओं विभीषिकाओं और विवशताओं तथा सत्ता-व्यवस्था के द्वारा किए जा रहे शोषण उत्पीड़न उनके क्रूर आचरण और निष्ठुरता के विविध आयामों को उजागर किया गया है।कहानियों का वैविध्य विस्मित करता है। प्रत्येक कहानी अपने स्वरूप में अपने प्रकार में पृथक् है। कहानियों में वस्तु और भाव की समरसता है और भाषा तथा शिल्प का अनुकूल संयोजन है। लेखक ने अपने व्यापक अनुभव संवेदनशीलता कल्पनाशीलता और अभिव्यक्ति कौशल से अत्यंत लोकप्रिय कहानियाँ दी हैं इसमें संदेह नहीं।