ख़्वाहिशों का एक हुजूम है सीने मेंजज़्बातों पर अपने इख़्तियार दे या रब !एक संवेदनशील मन अपने अनुभवों की ज़मीं से शब्दरुपी बूंदों को बटोर कर जीवन सागर की हर एक बूंद के रहस्य को उजागर करने का प्रयास करता है । आसिफ़ जी जारियावाला की प्रत्येक रचना इसी तथ्य को उजागर करते हुए अंतर्मन की छटपटाहट सच्ची चाहत सच को साफ़ तौर से कह देने के सामर्थ्य एवम् उर्दू-हिन्दी मिश्रित सरल शब्दों के बलबूते वाचक मन को मोह लेती है। तप्त धूप में थका- हारा यात्री नीम वृक्ष की छाया में जिस आल्हाद को अनुभव करता है जीवन की आपाधापी में उसी आनंद संतुष्टि का रसास्वादन के में कवि की सुन्दर भावपूर्ण रचनायें परिपूरक है। संक्षिप्त में आसिफ़ जी की गज़लें उनके संवेदनशील मन का स्पष्ट दर्पण है जो उन्होंने आसपास देखा है अनुभव किया है उसे अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया है। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है - इंद्रधनुषी छटाओं के मानिंद आसिफ़ जी जारियावाला का “दर्पण” यह द्वितीय काव्य संग्रह उनकी पहचान बन उभरने एवम् वाचक मन पर अपनी छवि स्थापित करने में अवश्य कामियाब होगा।- ड़ॉ अर्ज़िनबी युसुफ शेख (लेखिका).
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