Darpan / दर्पण: Meri Priya Rachnayein / मेरी प्रिय रचनाएँ

About The Book

दर्पण “मेरी प्रिय रचनाएँ” हनुमान जी का पहला काव्य संग्रह है। उनकी ये रचनाएँ मन में उठने वाले भावों का शाब्दिक चित्रण हैं और समाज का प्रतिबिम्ब दिखाने वाला दर्पण है।इस काव्य पुस्तक में आप जीवन के भिन्न भिन्न पहलुओं रिश्ते नातों से जुड़े भाव व् कल्पना से सजी कविताएँ पायेंगे। समाज में व्याप्त समस्याओं पर भी कविता के माध्यम से व्यंग्य किया गया है व उनसे उभरने के उपायों पर भी चर्चा की गयी है। कुछ राजनीतिक बिन्दुओं पर भी चुटकियाँ ली गयी हैं जिनकी भाषा शैली अत्यंत सरल व् स्पष्ट है।दर्पण “मेरी प्रिय रचनाएँ” में कवि ने अपने जीवन में मिली असफलताओं तथा उनसे उभरने हेतु आत्म शक्ति जागृत करने वाले छोटे मोटे अनुभवों को कुछ प्रेरणादायी कविताओं के माध्यम से आप सभी के साथ साझा किया है। उनकी ये कविताएँ सभी उम्र के पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करतीं हैं।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE