December Sanjog दिसम्बर संजोग


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE

Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Fast Delivery
Fast Delivery
Sustainably Printed
Sustainably Printed
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.

About The Book

About the Book प्रस्तुत संग्रह में प्यार के ताने-बानों के साथ जीवन की कड़वी मीठी सच्चाइयाँ भी अनायास ही बुनी गई हैं। जीवन के मिले-जुले अनुभवों को, शब्दों के जाल में समेट लेना, संजो लेना, मन को कहीं न कहीं तसल्ली देता है। "आखर ढाई" एक ऐसी युवती की कहानी है जो सच्चे प्रेम की तलाश में आजीवन भटकती रहती है। अंततः उसे उसका सच्चा प्यार मिलता है लेकिन क्या सच में ये उसका अंतिम प्यार है? ऐसे ही "उस रात की बात" का कथानक सिहरन पैदा करने वाला है, तब भी रत्ती बुआ की कहानी एक सत्य घटना से प्रेरित है। "पंखुरी-पंखुरी हरसिंगार" की कमसिन-कोमलांगी नायिका समय और परिस्थितियों के साथ एक सशक्त स्त्री बनती है और अपने निर्णय स्वयं लेने में सक्षम रहती है। About the Author आभा श्रीवास्तव का जन्म उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हुआ। लखनऊ विश्वविद्यालय से दर्शन शास्त्र में एम.ए. और बी.लिब. किया। पिता, कालांतर में पति के शासकीय नौकरी में होने के कारण उत्तर प्रदेश (अविभाजित) के विभिन्न शहरों में रहने के साथ-साथ, देश के विविध स्थानों का भ्रमण एवं प्रवास करने का सौभाग्य प्राप्त होता रहा, जिससे स्थान विशेष की सांस्कृतिक, सामाजिक समृद्धता को निकट से देखने और समझने का अवसर मिला। इन स्थानों की सामाजिक/सांस्कृतिक विविधताओं की झलक इनकी कहानियों में देखी जा सकती है। छोटी उम्र में जब अधिकांश हमउम्र बच्चे खेल-कूद में व्यस्त रहते, इन्होंने पुस्तकों को अपना साथी बनाया। मात्र दस वर्ष की आयु में प्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार-पत्र में अपनी प्रथम रचना, कविता के रूप में प्रकाशन के साथ, अपनी साहित्यिक यात्रा की शुरुआत की जो अब तक जारी है। पुस्तक के रूप में अब तक बाल काव्य संग्रह "रिमझिम पड़ी फुहार" तथा लोकप्रिय कहानी संग्रह "काली बकसिया" प्रकाशित हो चुकी हैं।
downArrow

Details